प्यार की कोई उम्र नहीं - No age of Love

आज ट्रैन  में  मै उनसे  मिली
जो  आजकल  देखने  नहीं  मिलते
एक  बूढ़े  दादा  दादी .

जो  मेरे  पीछे  वाली  सीट  पर  बैठे  हुए  थे
दोनों  एक  दूसरे  का  हाथ  पकडे   हुए
एक  दूसरे  को  इस  उम्र  तक  सहारा  देते  हुए  चल  रहे  थे .

उनका  ये  अटूट  प्यार  देख  के  मेरी  आँख  भर  आयी

तभी  मैंने  सुना  दादी  ने   कुली  को  बोला
ये  सूटकेस  नीचे  रखना  इसमें  इनकी  दवाई  है ,
खाना  है , और  उनके  ओढ़ने  का  कपडा  है नहीं  तो 
इनको  सर्दी पकड़  लेगी .

दूसरी  तरफ दादा ने  दादी   को  बोला
तुम  खिड़की  की  तरफ  बैठ  जाओ 
मुझे  पता  है  तुम्हे  खिड़की  से  बहार  देखना  है
चलती  ट्रैन  में  पेड़  पीछे  भागते  हुए  देखना  है
लो  ये  पानी  की  बोतल  और  तुम्हारी  शाल
और  अब  मज़े  से  खिड़की  से  बहार  देखो .

उनको  देख  के  मै  ये  सोचती  हु  की
ऐसी क्या बात है जो इन दोनों को जोड़े हुए है
ऐसा उनका कैसा प्यार है जो अभी भी स्पष्ट दिख रहा है.
आजकल के ज़माने में ऐसा को नहीं मिलता
जो इस उम्र तक साथ निभाए.

मेरी ईश्वर से बस  यही  दुआ  है 
हमे  भी  एक  दिन  ऐसा  ही  कोई  चाहने  वाला  दे
जो  हमारे  पसंद  नापसंद  को  समझे
और  हर  बात  पे  और  हर  जगह  हमारा  साथ  दे
सुख  में  दुःख  में  दर्द  में  ख़ुशी  में
हर  बार बार बार लगातार .

ऐसा हमसफ़र मिले जिसके साथ ये बेरंग ज़िन्दगी रंगो से भर उठे.
और हम भी कह सके की हमे भी कोई इस कदर चाहता है की
अपने प्यार से पत्थर को भी मोम बना सके.

Comments

Popular posts from this blog

The Birds

I Accuse... BOOK REVIEW

SPANCO