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लहरों से बातें

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यूँ पहाड़ पर बैठे इन लहरों को निहारते हुए हम इस दरिया का किनारा ढूंढते रह गये यूँ सुन्न से हो गये इनके शोर में यूँ ये हवा हमारे बदन से छू कर निकल गयी हम वहीं बैठे फिर भी इन लहरों को निहारते रह गये शायद ढूंढते रहै उन पलों को जो हमे कभी हमसे चुरा के ले गए लगता है इन लहरों के शोर में हम खुद को खुद में ही ढूंढते रह गये

Love (प्यार)

यु हम खिड़की के पास झूले पे बैठे, बारिश को निहार रहे थे. की तुम्हारा चेहरा याद आया. याद आया वो दिन जब ऐसी ही बारिश थी और हम तुम्हारे पास थे. वो साथ गुज़ारे हुए पल हमेशा याद रहेंगे हमे. आज वही तुम हो, वही हम है पर लगता है हमारी दूरियां कुछ बढ़ सी गयी है. सामने के छज्जे पे जब एक तरफ एक अकेली चिड़िया बैठे देखि तो तुम्हारी याद आयी. की हम भी ऐसी ही अकेली चिड़िया जैसे अपने अपने किनारो पे बैठे हुए है. दूसरी ओर नज़र घुमाई तो देखा एक दूसरे छज्जे पे दो चिड़िया साथ में बैठी और एक दूसरे  के प्यार में खोयी हुई थी उन्हें इस दुनिया से कोई लेना देना नहीं था जैसे की उनकी दुनिया एक दूसरे में ही समायी थी. फिर देखा की वो दोनों अकेली चिड़िया को जैसे बोल रही थी की जा उड़ जा तू भी यहाँ से ढूंढ ले कोई ऐसी खिड़की, कोई ऐसा छज्जा जहा तुझे कोई अकेला पंछी बैठा मिले वो भी तेरी जैसी अकेली चिड़िया का इंतज़ार कर रहा होगा. पहले बहुत सी चिड़िया छोड़ दी तूने पर अब नहीं , अब जल्द ही किसी को अपना बना ले. जा उड़ जा इस खुले आसमान में और ढूंढ लेअपनी मंज़िल. फिर मेरी जैसे ही दूसरी ओर नज़र गयी देखा सामन